मिचियो सुजीमुरा थी ग्रीन टी की अविष्कारक | डूडल के रूप में गूगल ने दी 133 वे जन्म दिन पर श्रद्धांजलि

मिचियो सुजीमुरा

मिचियो सुजीमुरा– यह नाम हाल ही में काफी चर्चा में रहा था इसके पीछे की वजह से गूगल जिन्होंने इनका डूडल के रूप में मिचियो सुजीमुरा के 133 वें जन्मदिन पर श्रद्धांजलि दी थी लेकिन हमारे मन में ख्याल आता है कि आखिरकार यह मिचियो सुजीमुरा है कौन, तो चलिए हम आपको बताते हैं

मिचियो सुजीमुरा जानी-मानी बे जापानी कृषि विज्ञानिक थी इन्होंने अपने जीवन काल में ग्रीन टी की खोज की थी तथा ग्रीन टी को पीने योग्य बनाया था जापान की पहली और बेहद प्रसिद्ध महिला कृषि वैज्ञानिक की थी

प्रारंभिक जीवन

मिचियो सुजीमुरा का जन्म 1888 में जापान के सतामा प्रांत ओकेगोवा मैं हुआ था इन्होंने अपनी बचपन से ही शिक्षा पिक्चर महिला सम्मान स्कूल से पूरी की थी बचपन से ही में मिचियो एक कृषि विज्ञानिक बनना चाहती थी वे घंटों केमिस्ट्री की लाइफ में समय देती थी

यहीं से उनके वैज्ञानिक बनने की रुचि उनके मन में जागृत हुई 1917 में मिचियो अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली और बतौर सहायता के रूप में 1920 में hokkaido इंपीरियल यूनिवर्सिटी में शामिल हो गई, मिचियो बचपन से ही वैज्ञानिक बनना चाहती थी लेकिन उस समय महिलाओं को इस तरह की पढ़ाई करने का अधिकार नहीं था इसलिए उन्होंने कॉलेज में सहायिका के रूप में शामिल हो गई

1922 में इन्होंने अपनी पहली शोध शुरू की मिचियो मैं अपनी पहली शोध रेशम के कीड़ों पर कि जो कि 1823 में ग्रेट कोटो भूकंप से नष्ट हो गए थे और उन्होंने देखा कि किस माहौल के कारण यह पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और उनको कैसे पुनः फिर से जीवित किया जाए

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ग्रीन टी का आविष्कार

मिचियो सुजीमुरा
मिचियो सुजीमुरा

ग्रीन टी से पहले मिचियो सुजीमुरा ने रेशम के कीड़ों पर शोध किया था और जिससे उनको काफी प्रोत्साहन और अपने ऊपर विश्वास हो गया था और उन्होंने अगला शोध ग्रीन टी के ऊपर करना चालू किया जिसमें उन्होंने पाया की ग्रीन टी में विटामिन सी का प्राकृतिक स्रोत होता है

और स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक भी है उस समय ग्रीन टी उत्तरी अमेरिका में निर्यात होती थी फिर भी उस समय की ग्रीन टी पीने योग्य नहीं होती थी क्योंकि उसमें केकटिन और तनिन नाम के दो पदार्थ होते थे

जो ग्रीन टी को बेहद कड़वा बनाते थे 1934 में मिचियो सुजीमुरा ग्रीन टी में केकटिन और तनीन को ग्रीन टी से अलग कर दिया, जिससे ग्रीन टी पीने योग्य हो गई, बाद में उन्होंने इस विधि का पेटेंट अपने नाम पर करवा लिया, जिसे ग्रीन टी के निर्यात में भारी प्रभाव पड़ा और ग्रीन टी पूरी दुनिया में मंगाई जाने लगी

मिचियो सुजीमुरा के जन्मदिवस पर गूगल द्वारा डूडल के रूप में श्रद्धांजलि

ग्रीन टी को पीने योग्य तथा इसके फायदे को आम लोगों तक पहुंचाने वाली मिचियो सुजीमुरा को गूगल द्वारा उनके 133 वें जन्मदिवस पर उनका डूडल बनाकर गूगल ने अपनी तरफ से उनके जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि दी है

मिचियो सुजीमुरा के बारे में अन्य जानकारी

  • मिचियो सुजीमुरा जापान की पहला कृषि विज्ञानिक थी
  • मिचियो सुजीमुरा 1937 में हाकाइड इंटीरियर यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर के रूप में कार्य करने का मौका मिला
  • 1955 तक इन्होंने हाकाइड इनफीरियर यूनिवर्सिटी में अपनी सेवाएं दी
  • 1956 में इन्हें ग्रीन टी पर काम करने के लिए कृषि विज्ञान। के क्षेत्र में जबान सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया
  • 1959 में 81 वर्ष की आयु में अपनी भतीजी के घर पर इनका निधन हो गया
  • इनके क्षेत्र ऐसा जन्मदिन पर गूगल ने इनका डूडल बनाकर इनको अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की

QNA

मिचियो सूजीमुरा कौन थी ?

मिचियो जानी-मानी जापानी कृषि वैज्ञानिक से इनका जन्म 1888 में जापान में हुआ था, यह जापान की पहली महिला कृषि विज्ञानिक थी

मिचियो सूजीमुरा ने किसका आविष्कार किया था ?

1934 में मिचियो सूजीमुरा ने ग्रीन टी के ऊपर शोध किया था और पता लगाया था कि ग्रीन टी में विटामिन सी के अच्छे गुण पाए जाते हैं लेकिन ग्रीन थी उस समय पीने योग्य नहीं थी क्योंकि उसमें कैक्टिन और तानिन नाम के दो पदार्थ पाए जाते थे जो कि ग्रीन टी को काफी कड़वा बना देते थे मिचियो सूजीमुरा इन दोनों पदार्थों को ग्रीन टी से अलग कर दिया और उसे पीने योग्य बना दिया

मिचियो सूजीमुरा किस देश की महिला थे?

मिचियो सूजीमुरा जापान की महिला थी जिन्होंने ग्रीन टी के ऊपर शोध किया था

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