हनुमान चालीसा हिंदी में | Hanumaan Chalisha in hindi 2022 | हनुमान चालीसा हिंदी में pdf | हनुमान चालीसा लिखित में

हनुमान चालीसा हिंदी में – हनुमान चालीसा को हमारे हिन्दु समाज बेहद में एक विशेष स्थान प्राप्त है यह एक महान काव्यात्मक कृृति है जिसमें प्रभु राम के सर्वश्रेष्ठ भक्त हनुमान के के बारे 40 चौपाई और 2 दोहो का वर्णन किया गया है, इसमें कुल 40 छन्द है जिसमें तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया है


हनुमान चालीसा दोहा ( Hanumaan Chalisha Dohaa)

श्रीगुरु चरन सरोज रजए निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसुए जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिकेए सुमिरौं पवन.कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिंए हरहु कलेस बिकार।।

हनुमान चालीसा चौपाई ( Hanumaan Chalisha Choupai )

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।

जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

रामदूत अतुलित बल धामा।

अंजनि.पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी।

कुमति निवार सुमति के संगी।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा।

कानन कुंडल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।

कांधे मूंज जनेऊ साजै।

संकर सुवन केसरीनंदन।

तेज प्रताप महा जग बन्दन।।

विद्यावान गुनी अति चातुर।

राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।

राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।

बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे।

रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये।

श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।

अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।

नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।

कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।

राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।

लंकेस्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानू।

लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।

जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।

तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।

तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।

महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।

जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा।

तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै।

सोइ अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा।

है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु.संत के तुम रखवारे।

असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।

अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा।

सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को पावै।

जनम.जनम के दुख बिसरावै।।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।

जहां जन्म हरि.भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।

हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।

कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।

छूटहि बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।

होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।

कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।दोहा रू

पवन तनय संकट हरनए मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहितए हृदय बसहु सुर भूप।।

हनुमान चालीसा का फायदे

हनुमान चालीसा का हमारे सनातन धर्म में बेहद बडा स्थान प्राप्त है हनुमान चालीसा की अदभुत र्शिक्तयोे से भरी पडी है, हनुमान चालीसा 7 बार प्रतिदिन बोलने से सभी रोगो का नाश होता है, तथा भूत बाधा को दुर करने में मदद करता है, यह हमारी बुद्वि और विवेक को बढाने में मदद करता है

हनुमान चालीसा हिंदी में pdf

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हनुमान चालीसा का जाप करने से क्या होता है?

हनुमान चालीसा की अदभुत र्शिक्तयोे से भरी पडी है, हनुमान चालीसा 7 बार प्रतिदिन बोलने से सभी रोगो का नाश होता है, तथा भूत बाधा को दुर करने में मदद करता है, यह हमारी बुद्वि और विवेक को बढाने में मदद करता है

हनुमान चालीसा का पाठ कितने बजे करना चाहिए?

हनुमान चालीसा की पुजा करने का सबसे अच्छा समय सुबह 6 बजे से है

हनुमान चालीसा कितने मिनट का होता है?

हनुमान चालीसा को पढने में 3 से 4 मिनट का समय लगता है

हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए?

हनुमान चालीसा 1 दिन में 7 बार पढना चाहिए

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